sanskrit (शब्द रुप/shabdh roop)


                                         शब्द रुप
 अगर sentence होगा-
               बंदर पेङ पर बैठा हैं।

         तो   बंदर → वानर:        बैठा हैं → उतिष्ठति

              पेङ → वृक्षः
        
  उतिष्ठति क्योंकि एक बंदर हैं जो प्रथम पुरुष को represent करता हैं। 

 तो संस्कृत में वाक्य बना -  वानर: वृक्षः उतिष्ठति। अब one more time हम इसका hindi मे   अनुवाद करते  हैं।

वानर: वृक्षः उतिष्ठति। →  बंदर पेड़ बैठा हैं।
   sentence मे 'पर' missing हैं।

     इसका मतलब 'पर' शब्द एक preposition हैं, जिसके लिए सीखना होगा → "शब्द रुप"
     अर्थात् शब्द जिसके साथ preposition आए तो उसका रुप change हो जाएगा।
     
        NOTE: शब्द रुप सीखने से पहले हमें एक series अच्छी तरह से याद करनी होगी - 'by heart'

 विभक्ति कारक चिह्न 
 प्रथमा कर्त्ता →ने
 द्वितीया कर्म →को
 तृतीया करण → से 
 चतुर्थी समप्रदान → के लिए
 पंचमी अपादान → से अलग
 षष्ठी संबंध → का,के,की
 सप्तमी अधिकार → मे, पर
 सम्बोधन सम्बोधन → हे, हरे

NOTE: इस को आप just रोज़ 5 min. याद किजिए इसका use आप  
        धीरे-धीरे सीख जाएँगे।

विभक्तिएकवचनं द्विवचनं बहुवचनं 
 प्रथमाराम: रामौ रामा:
 द्वितीया रामंरामौ रामान् 
 तृतीया रामेणरामाभ्याम् रामै: 
 चतुर्थी रामायरामाभ्याम् रामेभ्याम: 
 पंचमी रामात् रामाभ्याम् रामेभ्याम:
 षष्ठी रामस्य रामयो: रामाणाम्  
 सप्तमी रामेरामयो: रामेषु 
 सम्बोधनहे राम!हे रामौ!हे रामा:!
                    
                अर्थ       
 विभक्ति
 एकवचनं  द्विवचनं         बहुवचनं                
प्रथमाराम नेदो राम ने  (दो से अधिक) राम ने
 द्वितीया राम कोदो राम को(दो से अधिक) राम को 
 तृतीया राम से दो राम  को (दो से अधिक) राम को
 चतुर्थी राम के लिए दो राम के लिए (दो से अधिक) राम के लिए 
 पंचमी राम से (अलग)दो राम से (अलग)(दो से अधिक) राम से (अलग‌)
 षष्ठी राम का/ के/कीदो राम  का/ के/की  (दो से अधिक) राम का/के/ की
 सप्तमी राम पर/मे दो राम  पर/मे(दो से अधिक) राम पर/मे
 सम्बोधनहे रामहे दो रामौ(दो से अधिक) हे रामा:
            Eg:

 विभक्तिएकवचनं द्विवचनं बहुवचनं
 प्रथमा
   बालक खेलता है।
   बालक: क्रीडति।
  दो बालक खेलते हैं ।
  बालकौ क्रीडत:।
  बच्चे खलते हैं।
  बालका: क्रीडन्ति। 
 द्वितीया
 पुत्र पिता को नमस्कार करता हैं ।
 पुत्रः जनकं नमति। 
 सेवक दो घोड़ों को खाना देता हैं।
 सेवक: अश्वौ भोजनं यच्छति। 


चूहा कपड़ों को कूतरता है।
मुषक: वस्त्रानि कर्तन्ति।


तृतीया बच्चा गेंद से खेलता है।
बालक: कन्दुकेन क्रीडति।

दो बच्चे गेंद से खेलते हैं।
बालकौ कन्दुकेन क्रीडत:।

बच्चे गेंद से खेलते हैं।
बालिका: कन्दुकेन क्रीडन्ति।

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