INDIA’S FOOTSLOGGING TOWARD AATMANIRBHARTA
After the independence, Bharat has stepped his foots in every field that led to become it a developing nation and one of the toughest competitor for other countries like China, France, U.K. etc.
As Bharat is progressing, other countries are getting cold feet. This Bharat who was
lender, now it has overcome this situation, by applying different policies like white
revolution, green revolution which has made India one of the biggest exporter of milk. Also,
Bharat is one of the biggest granaries of the world.Aatmanirbhar Bharat
After 75 years of independent Hindustan is marching towards ‘Aatmanirbhar Bharat or Self-Reliant Bharat.’ One of the biggest reason is the unity in diversity. Success comes to those who will and dare. This unity’s dream of Aatmanirbhar Bharat has willing to make Hindustan on the correct path.
Now the question arises how India’s marching towards Aatmanirbharta? Now days India has started producing it’s own things, materials like food crops, daily use things etc. are not now imported from other countries except few things but as time flies these things won’t be imported and these items will also be produced in our country too, used by all the people of the world.
Aatmanirbhar Bharat |
The situation of Covid-19 is like a cloud has a silver lining as it is bane for the world but it is somewhere boon for India. As all the countries are thinking that china is the on which is responsible for the spread of the disease so majority of the big nations and companies had break their policies and relationship with China like Apple, Google, Microsoft etc. which contributes major part of the its economy. These companies are planning to shift there industries and production house to India. This shifting has been started like Google is now investing 75,000 crore rupees in India, Apple has ordered the Chennai to produce the iphone11 pro which has been never made in India etc. This will improve our situations also as India is considered to have lots of intelligent mind specially in computers but they were unemployed due to the lack these type of opportunities. But in the future these creative minds will be in the right direction. This will help Bharat to resolve it’s one of the biggest problem of unemployment which leads to development of nation. And development means to become self-reliant.
This covid-19 situation has killed many birds through single arrow in India(boon of covid19) This will lead to have growth in our economy and GDP which had fallen down.
The new education policy is icing the cake in this situation as this policy includes teaching coding to small children. All the companies hire these software engineers.
This again leads to Aatmanirbhar Bharat. At 75 Bharat is hiking towards Aatmanirbharta and after 80-90 years if Independence India will be fully Aatmanirbhar.
JAI HIND VANDE MATRAM
भारत आत्मनिर्भरता की ओर
आजादी के बाद, भरत ने हर क्षेत्र में अपने पैर पसार लिए, जिससे वह एक विकासशील राष्ट्र बन गया और चीन, फ्रांस, यू.के. आदि अन्य देशों के लिए सबसे कठिन प्रतियोगी बन गया।
जैसे-जैसे भारत आगे बढ़ रहा है, दूसरे देशों में ठंड बढ़ रही है। यह भारत जो ऋणदाता था, अब इस स्थिति को पार कर गया है, विभिन्न नीतियों जैसे कि सफेद क्रांति, हरित क्रांति, जिसने भारत को दूध के सबसे बड़े निर्यातक में से एक बना दिया है। साथ ही, भरत दुनिया के सबसे बड़े अन्न भंडार में से एक है।
75 साल के स्वतंत्र हिंदुस्तान के बाद ir आत्मानबीर भारत या स्व-विश्वसनीय भारत की ओर अग्रसर है। ’इसका एक सबसे बड़ा कारण विविधता में एकता है। सफलता उन्हीं को मिलती है जो हिम्मत करेंगे और हिम्मत करेंगे। आत्मानिर्भर भारत के इस एकता के सपने को हिंदुस्तान सही रास्ते पर लाने को तैयार है।Aatmanirbhar Bharat
अब सवाल उठता है कि भारत का अताम्निरभारत की ओर झुकाव कैसे है?
अब भारत ने अपनी चीजों का उत्पादन शुरू कर दिया है, खाद्य सामग्री, दैनिक उपयोग की चीजें इत्यादि जैसी चीजें अब कुछ चीजों को छोड़कर अन्य देशों से आयात नहीं की जाती हैं, लेकिन समय के साथ इन चीजों का आयात नहीं किया जाएगा और इन वस्तुओं का उत्पादन भी हमारे यहां किया जाएगा। देश भी, दुनिया के सभी लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है।
कोविद -19 की स्थिति बादल की तरह होती है, क्योंकि यह दुनिया के लिए बैन है, लेकिन यह कहीं न कहीं भारत के लिए वरदान है। जैसा कि सभी देश सोच रहे हैं कि चीन वह है जिस पर बीमारी फैलने के लिए जिम्मेदार है, इसलिए अधिकांश देशों और कंपनियों ने अपनी नीतियों को तोड़ दिया था और चीन के साथ संबंध जैसे कि Apple, Google, Microsoft आदि का योगदान था, जो प्रमुख भाग में योगदान देता है। इसकी अर्थव्यवस्था। ये कंपनियां वहां के उद्योगों और प्रोडक्शन हाउस को भारत में शिफ्ट करने की योजना बना रही हैं। यह शिफ्टिंग शुरू कर दी गई है जैसे Google अब भारत में 75,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है, Apple ने चेन्नई को iphone11 प्रो का उत्पादन करने का आदेश दिया है जो भारत में कभी नहीं बनाया गया है। यह हमारी स्थितियों में भी सुधार करेगा क्योंकि भारत को बहुत बुद्धिमान माना जाता है कंप्यूटर में विशेष रूप से मन है, लेकिन वे इस प्रकार के अवसरों की कमी के कारण बेरोजगार थे। लेकिन भविष्य में ये रचनात्मक दिमाग सही दिशा में होंगे। इससे भारत को बेरोजगारी की सबसे बड़ी समस्या में से एक का समाधान करने में मदद मिलेगी, जिससे राष्ट्र का विकास होता है। और विकास का मतलब आत्मनिर्भर बनना है।
इस कोविद -19 स्थिति ने भारत में एकल तीर (covid19 का वरदान) के माध्यम से कई पक्षियों को मार दिया है। इससे हमारी अर्थव्यवस्था और जीडीपी में वृद्धि होगी जो नीचे गिर गई थी।
नई शिक्षा नीति इस स्थिति में केक को विभाजित कर रही है क्योंकि इस नीति में छोटे बच्चों को शिक्षण कोडिंग शामिल है। सभी कंपनियां इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को नियुक्त करती हैं।
इसके बाद पुन: आत्मानिर्भर भारत आता है। 75 की उम्र में भरत, आत्मानिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं और 80-90 साल के बाद अगर आजाद भारत पूरी तरह से आत्मानिष्ठार होगा।
जय हिन्द वन्दे मातरम
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